Facts About Shodashi Revealed

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क्षीरोदन्वत्सुकन्या करिवरविनुता नित्यपुष्टाक्ष गेहा ।

ह्रीं श्रीं क्लीं परापरे त्रिपुरे सर्वमीप्सितं साधय स्वाहा॥

Her 3rd eye represents better perception, aiding devotees see outside of Actual physical appearances for the essence of actuality. As Tripura Sundari, she embodies enjoy, compassion, plus the Pleasure of existence, encouraging devotees to embrace everyday living with open up hearts and minds.

यदक्षरैकमात्रेऽपि संसिद्धे स्पर्द्धते नरः ।

सा नित्यं मामकीने हृदयसरसिजे वासमङ्गीकरोतु ॥१४॥

ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरामदने सर्वशुभं साधय स्वाहा॥

षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या

For the people nearing the head of spiritual realization, the ultimate phase is described as a condition of entire unity with Shiva. Right here, particular person consciousness dissolves into your common, transcending all dualities and distinctions, marking the fruits read more of your spiritual odyssey.

The Tale is usually a cautionary tale of the strength of drive as well as requirement to produce discrimination by way of meditation and subsequent the dharma, as we development within our spiritual route.

हन्तुं दानव-सङ्घमाहव भुवि स्वेच्छा समाकल्पितैः

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरी अपराध क्षमापण स्तोत्रं ॥

The worship of Tripura Sundari is a journey to self-realization, where her divine beauty serves to be a beacon, guiding devotees to the last word real truth.

वन्दे वाग्देवतां ध्यात्वा देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१॥

As one of several 10 Mahavidyas, her Tale weaves with the tapestry of Hindu mythology, featuring a rich narrative that symbolizes the triumph of excellent above evil as well as the spiritual journey from ignorance to enlightenment.

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